स्कूलों को हर जानकारी अब वेबसाइट पर करनी होगी अपलोड, सीबीएसई ने जारी किया सर्कुलर

हरियाणा: सुनील चौहान। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अब निजी स्कूलों के फीस स्ट्रक्चर में पूर्णतया पारदर्शिता लाने की तैयारी कर ली है। बोर्ड ने सभी निजी स्कूलों को सर्कुलर जारी किया गया जिसमें फीस स्ट्रक्चर से लेकर तमाम छोटी-बड़ी जानकारी एक महीने के अंदर अपनी-अपनी स्कूल वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा गया है। यानि स्कूल संचालको की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए ये सब किया लागू किया गया है। इससे जहां स्कूल संचालक अब बच्चों के अभिभावकों से निर्धारित फीस से अधिक पैसे नहीं ले सकेंगे, वहीं बच्चों की सुरक्षा के मानकों की हो रही अनदेखी पर भी रोक लगेगी।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, दिल्ली से बहुत बड़ी संख्या में देश व प्रदेश में निजी स्कूलों ने मान्यता ले रखी है। सीबीएसई से संबद्ध इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या भी सरकारी स्कूलों की तुलना में कई गुणा अधिक है। कई प्राइवेट स्कूलों में नियमों को ताक पर रखकर मोटी मासिक ट्यूशन फीस वसूली जाती है।
इसके अलावा दाखिले के नाम पर बच्चों से हर साल बिल्डिंग फंड, बच्चों के सुरक्षा मानकों समेत विभिन्न फंडों के तौर मोटी रकम वसूली जाती है, जबकि बोर्ड के रिकार्ड में कुछ और दिखाया जाता है। इतना ही नहीं, निजी स्कूलों में कर्मचारियों के वेतन संबंधी रिकार्ड में भी सरकारी मानकों की अनदेखी की जाती है।

इस प्रकार निजी स्कूल शिक्षा के नाम पर अभिभावकों, शिक्षकों व सरकार को राजस्व में भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। अब सीबीएसई ने अपने सभी संबद्ध स्कूलों को बच्चों की मासिक ट्यूशन फीस, स्कूलों को अपनी संबंद्धता, स्कूल कोड संख्या, प्रिंसिपल का नाम व शैक्षणिक योग्यता, स्कूल शिक्षा समिति पंजीकरण की जानकारी, वार्षिक एकेडमिक कैंलेंडर, अभिभावक-अध्यापक एसोसिएशन व स्कूल मैनेजमेंट, स्कूल के कक्षा कक्षों, प्रयोगशाला, इंटरनेट सुविधा, शौचालयों, स्कूल बिल्डिंग सुरक्षा प्रमाणपत्र, फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र, वाटर हेल्थ व सैनिटेशन का वैध प्रमाण पत्र एक महीने के अंदर स्कूल की वेबसाइट के होम पेज पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद बोर्ड के प्रतिनिधि मौके पर जाकर इन तमाम मानकों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।

इन प्रमाणपत्रों में कमी होने की स्थिति में स्कूल के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी, परंतु पड़ी तो मान्यता भी रद्द कर दी जाएगी। ऐसे में निजी स्कूल संचालकों को अब तक केवल कागजों में चल रहे मानकों को पूरा करना होगा। इससे अभिभावक स्कूल की फीस समेत तमाम जानकारी हासिल कर सकेंगे और उसी के अनुसार सुविधाओं का लाभ लेंगे। इस प्रकार सीबीएसई का यह कदम हर लिहाज से अभिभावकों व बच्चों के लिए महत्वपूर्ण एवं सराहनीय है।

 

WhatsApp Group Join Now
Google News Join Now
Back to top button